हमारी दिनियाँ

डॉ़ हर्षवंती को मिलेगा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार

डॉ़ हर्षवंती बिष्ट का सर एडमण्ड हिलेरी मेडल 2013 अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। सर एडमण्ड हिलेरी माउण्टेन लिलेंगसी की ओर से दिए जाने वाले इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली डॉ़ बिष्ट एशिया की प्रथम महिला हैं। उल्लेखनीय है कि नंदादेवी चोटी का सफल आरोहण करने पर डॉ़ बिष्ट को सन् 1981 में भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था। 1984 में एवरेस्ट अभियान दल की सदस्या रही डॉ. बिष्ट  गंगोत्री-गोमुख क्षेत्र में भोजपत्र, सेलिक्स व पॉपुलर के हजारों पौधों को 12,500 फीट की ऊँचाई पर लगाकर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन की दिशा में उल्लेखनीय कार्य कर चुकी हैं। वर्तमान में वे डोईवाला, शहीद दुर्गामल्ल राजकीय महाविद्यालय, देहरादून की प्राचार्या एवं हाद्री संस्था की सचिव हैं।

महज नारों में बदली नारी

दिल्ली पॉलिसी ग्रुप की ओर से तैयार किया गया ‘जेन्डर स्कोर कार्ड 2013’ बताता है कि विकास के हर मोर्चे पर आधी आबादी का रास्ता बन्द है। 34 फीसदी महिलाओं को आज तक अंगूठा छाप बनाकर रखा गया है। उच्चतर माध्यमिक की पढ़ाई पूरी करने वाली लड़कियों का औसत महज चार फीसदी है। आधी आबादी के हक में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले राजनैतिक दलों ने संसद के उच्च सदन राज्यसभा में भी सिर्फ 28 महिलाओं को भेजा है। जबकि यहाँ उनके पास यह बहाना भी नहीं कि चुनाव में उनके हार जाने का खतरा है। केन्द्रीय कैबिनेट में सिर्फ छह महिलाएँ हैं। मतदान करने में ज्यादा पीछे होने के बावजूद उन्हें हमेशा पुरुषों को जिताने के लिये ही वोट करना होता है। पुरुषों के 60 प्रतिशत वोटिंग के मुकाबले 55.8 फीसदी महिलाएँ भी वोट डालती हैं। लेकिन राजनीतिक दलों की ओर से टिकट नहीं दिये जाने के कारण चुनाव में खड़ी होने वाली सिर्फ दस फीसदी महिलाएँ ही जीत पाती हैं। देश की शीर्ष पंचायत संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व महज 11 फीसदी है। यही हाल आइ़ए़एस़, आइ़पी़एस. जैसी शीर्ष अखिल भारतीय सेवाओं का है जहाँ महिलाओं की भागीदारी महज 15 फीसदी पर अटकी है। सुप्रीम कोर्ट में तो 28 में से सिर्फ 2 महिला जज हैं। उच्च न्यायालयों में महज 8.5 फीसदी महिला जज हैं। हर मौके पर लैंगिक बराबरी की बात करने वाली केन्द्र सरकार की नौकरियों में भी अब तक सिर्फ दस प्रतिशत महिलाएँ हैं।

दूसरी बीबी को भी देना होगा गुजारा भत्ता

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने पहली शादी की बात छिपाकर दूसरी शादी की है तो उसे दूसरी पत्नी को गुजारा भत्ता देना होगा। शीर्ष अदालत ने गुजारा भत्ता पाने का अधिकार देने वाली सी.आर.पी.सी. की धारा 25 की व्याख्या करते हुए धोखे से शादी के बाद छोड़ी गई दूसरी पत्नी के हक में फैसला सुनाते हुए यह अहम व्यवस्था दी है। कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ते के मुद्दे पर विचार करते समय ऐसी महिला पत्नी मानी जायेगी। हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर पहली शादी की बात जानते हुए महिला दूसरी शादी करती है तो वह इस धारा में पत्नी के तौर पर गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी नहीं है। न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और ए़के़ सीकरी की पीठ ने दूसरी पत्नी को गुजारा भत्ता देने से इंकार करने वाले व्यक्ति की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कानून सामाजिक न्याय के हित में लागू होने चाहिए। शाहबानो से लेकर शबाना तक के फैसलों का उदाहरण देते हुए पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिला को भी धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता पाने का अधिकार दिया था।

दम तोड़ती जिन्दगी को पटरी पर लाने की कोशिश

आपदा से बेपटरी हुई जिन्दगी को वापस पटरी पर लाने के लिये हिमाचल प्रदेश में लाहुर घाटी की महिलाओं ने एक बार फिर साहस दिखाया है। उन्होंने ध्वस्त मार्गों की मरम्मत कर आवागमन में आने वाली दुश्वारियों को खुद ही दूर करने की ठानी है। दाड़िम खेत की महिलाओं ने सरकार को आइना दिखाते हुये भूस्खलन में ध्वस्त रास्ते को श्रमदान कर दुरस्त कर दिया है। दाड़िमखेत में किरमोलिया नाले के उफान व भूस्खलन से प्राथमिक विद्यालय दाड़िमखेत का रास्ता बन्द हो गया था। इससे बच्चों को स्कूल आने- जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। गाँव के महिला मंगलदल की अध्यक्षा लछिमा देवी के नेतृत्व में महिलाओं ने श्रमदान कर अस्थाई रास्ता तैयार कर दिया है। ग्रामीणों को मलाल है कि आपदा के जख्मों को भरने के लिये सरकार की ओर से की जा रही कवायद नाकाफी साबित हो रही है। महिलाओं का कहना है कि सरकारी स्तर से मार्गों को दुरस्त करने की दिशा में कोई प्रयास न किये जाने पर उन्होंने खुद ही रास्तों को ठीक करने का बीड़ा उठाया है। इसी कारण उनके बच्चों को स्कूल जाने में असुविधा नहीं हुई।
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मलाला को एमनेस्टी का सर्वोच्च पुरस्कार

लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चलाने पर पिछले वर्ष तालिबान की गोली का शिकार हुई पाकिस्तानी किशोरी मलाला युसुफ जई को मानवाधिकार संगठन ‘एमनेस्टी इण्टरनेशनल’का शीर्ष पुरस्कार प्रदान किया गया है। डबलिन में एक समारोह में मलाला को अमेरिकी गायक व मानवाधिकार कार्यकर्ता हैरी बेलाफोर्ट के साथ 2013 को ‘एम्बेसेडर ऑफ कांशिएंस अवार्ड’प्रदान किया गया। 16 वर्षीय मलाला ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि ज्ञान और शिक्षा के मजबूत हथियार के सहारे हम युद्घ आतंकवाद, बाल श्रम और असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं। हमें अपने और अन्य लोगों के उज्ज्वल भविष्य के लिये कलम और किताब की जरूरत है। युद्घ और बाल तस्करी का शिकार हो रहे बच्चों का हवाला देकर मलाला ने कहा कि आप खुद से यह सवाल पूछ सकते हैं कि इसका समाधान क्या है।

महिलाओं को घर से काम करने की सुविधा देने की संस्तुति

संसद की एक समिति ने महिला कर्मचारियों की तकलीफों का एक बड़ा कारण घरेलू जिम्मेदारियाँ बताया है। इस समिति ने महिलाओं के लिये काम के समय को लेकर लचीली व्यवस्था शुरू करने की संस्तुति की है ताकि संस्थान प्रतिभा को रोके रख सकें। समिति ने महिला कर्मियों के लिये काम के लिये अलग समय रखने व घर में रहकर काम करने के लिये नीति बनाने की संस्तुति की है। विधि, कार्मिक एवं जन शिकायत पर शांताराम नाईक की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति ने यह भी कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायत पर विभिन्न संस्थानों द्वारा की गई कार्रवाई संतोषजनक नहीं है। सरकारी नौकरियों और लोक उपक्रमों में सेवा शर्तों के संदर्भ में महिलाओं की स्थिति, शोषण से बचाव, प्रोत्साहन और अन्य सम्बन्धित मुद्दों पर पेश ताजा रपट में यह बात कही गई है।

अरुंधती बनी एस़बी़आई़ की पहली महिला प्रमुख

अरुंधती भट्टाचार्य को देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पिछले 36 वर्षों से एस.बी.आई. में कार्यरत भट्टाचार्य अब तक प्रबन्ध निदेशक व सी.एफ.ओ. की जिम्मेदारी संभाल रही थीं। अरुंधती न सिर्फ 207 साल पुराने एस़बी़आई़  की पहली महिला मुखिया हैं बल्कि लगातार तीन वर्षों तक इस पद पर बने रहने का रिकार्ड भी बनायेंगी। वह बैंक की सबसे कम उम्र की प्रमुख भी बन गई हैं। इसके अलावा वह स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर की भी पदेन अध्यक्ष होंगी। हाल के वर्षों में देश के कई प्रमुख निजी व सरकारी बैंकों के मुखिया के तौर पर महिलाएँ काम कर रही हैं। निजी क्षेत्र के तीन प्रमुख बैंकों एच.एस.बी.सी. (नैनालाल किदवई) आई.सी.आई.सी़आई. (चंदा कोचर) और ऐक्किस बैंक (शिखा शर्मा) की मुखिया महिलाएँ हैं। इस सूची में सरकारी क्षेत्र में इलाहाबाद बैंक की चेयरपर्सन (शुभलक्ष्मी पनसे) बैंक ऑफ इंडिया की प्रमुख (वी़आऱ अय्यर) और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की ए.एम.डी. (अर्चना भार्गव) भी शामिल हैं।

बधाई पी.वी. सिंधू

भारतीय खिलाड़ी पी.वी.सिंधू ने 1 दिसम्बर 1913 को मकाऊ ओपन ग्रां प्रि गोल्ड टूर्नामेंट का महिला सिंगल्स का खिताब अपने नाम कर लिया।

बैडमिंटन की इस होनहार खिलाड़ी ने कनाडा की मिशेल ली को 21-15, 21-15 से मात दी। उन्होंने यह विजय सिर्फ 37 मिनट में प्राप्त की। इसी वर्ष मई माह में सिन्धू मलेशिया ओपन भी जीत चुकी हैं। इस खिताब के लिये सिन्धू को लगभग साढ़े पाँच लाख की इनामी राशि भी प्राप्त हुई। हैदराबाद की इस 18 वर्षीय खिलाड़ी ने वर्ष 2013 में शानदार सफलता प्राप्त की है। विश्व चैंपियनशिप में पदक (काँस्य) जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। इसी वर्ष उसे अर्जुन पुरस्कार भी मिला। सिन्धू के पिता पीवी रमना ने कहा उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी आने वाले सालों में बढ़िया प्रदर्शन करेगी।

आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी पेंशन

अब आंगनबाड़ी कर्मचारियों को भी पेंशन का लाभ मिल सकेगा। राजस्थान सरकार ने इन्हें मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी एनपीएस स्वावलंबन पेंशन योजना से जोड़ा है। आंगनबाड़ी कर्मचारियों को हर साल एक हजार रुपये जमा कराने होंगे। यह राशि कर्मचारियों के वेतन से काटी जाएगी। इस आधार पर ही एक हजार रुपये केन्द्र सरकार व एक हजार रुपये राज्य सरकार जमा करवाएगी। योजना 26 सितम्बर से लागू हो गई है।
प्रस्तुति: कमल नेगी
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