शराब के खिलाफ मालधन की महिलाए

पुष्पा पानू

नैनीताल जिले के विकासखण्ड रामनगर से 25 किमी दूर मालधन क्षेत्र है, जहाँ पर लगभग 30 गाँव बसे हैं। 1964 में यहाँ सरकार द्वारा अनुसूचित वर्ग के लोगों को जमीन देकर बसाया गया था। उस समय लोगों के पास आर्थिक संसाधनों की कमी थी। लोग अपने खेतों में फसलों को उगाने व बेचने तक सीमित थे। लगभग 35 वर्ष पूर्व मालधन क्षेत्र के तुमड़िया डाम में पंजाबी समुदाय के कुछ सिक्ख परिवारों ने कब्जा किया। धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ती गई और उधमसिंहनगर के भोगपुर डाम तथा नैनीताल जिले के तुमड़िया I तथा तुमड़िया II डाम के निकट कब्जा कर उन्होंने बंजर भूमि को आबाद कर लिया। उन्होंने डाम के किनारे खेतों के साथ-साथ भट्टी लगाकर अवैध शराब बनाना शुरू किया। धीरे-धीरे यह अवैध शराब मालधन क्षेत्र में भी बिकने लगी।

मालधन क्षेत्र में शराब का प्रचलन बढ़ने के साथ-साथ महिला उत्पीड़न के मामले भी बढ़ने लगे। 2009 में जब महिला समाख्या कार्यक्रम इन गाँवों में शुरू किया गया तो सभी संघों की बैठकों में मारपीट, छेड़खानी, आर्थिक रूप से पुरुषों द्वारा परेशान करने के मुद्दे उठने लगे। एक बार राधा नाम की एक महिला के बाल उसके पति द्वारा मुड़वा दिये गये। उस दिन राधा अपने बालों में मेहन्दी लगा रही थी। उसका पति शराब पीकर आया और राधा के मेहन्दी लगाने पर गुस्सा होकर उसने यह घिनौना कृत्य किया। कई महिलाएँ कहती हैं, हमारे पति सुबह बाहर चले जाते हैं। जैसे-जैसे शाम होती है तो हमें पति का डर लगा रहता है कि आज की रात खाने या सोने को मिलेगा या नहीं। ऐसी ही एक घटना गौतम नगर की है। रेखा ने बताया कि उसका पति रोज शराब पीकर उसके साथ मारपीट कर उसे अधमरा कर देता है। बेटी कक्षा 9 में पढ़ती है। पति बेटी के सामने ही घिनौने शब्दों का प्रयोग करता है। कभी-कभी तो खाना भी नसीब नहीं होता। मन करता है आत्महत्या कर लूँ। हमने जब रेखा के पति से बातचीत की तो वह मुझे ही मारने के लिए आने लगा। तब मैंने प्रशासन की मदद ली। देखा जाय तो अवैध शराब बन्द करवाने या इस प्रकार के जुल्म रोकने की जिम्मेदारी आबकारी विभाग या पुलिस विभाग की है। परन्तु जागृति संघ की महिलाओं द्वारा आबकारी विभाग को शराब के सम्बन्ध में सूचना देने पर न तो वे कभी फोन उठाते हैं न प्रार्थना पत्र देने पर कोई कार्यवाही करते हैं। उल्टा महिलाओं पर ही दबाव पड़ने लगता है। संघ की बैठकों और क्षेत्रीय प्रशिक्षणों में हमेशा महिलाएँ शराब से होने वाली दिक्कतें ही रखती हैं। एक बार गोपालनगर में महिलाओं के साथ जड़ी-बूटी का प्रशिक्षण चल रहा था तो वे शराब की दिक्कत पर चर्चा करने लगीं। जब हम लौट रहे थे तो देखा दूर एक व्यक्ति ने स्वेटर पेड़ पर लटका रखा था। कुछ पुरुष शराब की थैली लेकर गाँव की ओर आ रहे थे। हमें देख वे लोग इधर-उधर भाग गये। मेरे साथ आई महिला ने बताया एक व्यक्ति कच्ची अवैध शराब बेचने आया है। गाँव के पुरुषों को सूचित करने के लिए उसने पेड़ पर स्वेटर लटका रखा है।

क्षेत्रीय प्रशिक्षण के दौरान शराब की इस समस्या को लेकर तय किया गया कि सब लोग मालधन क्षेत्र से जुलूस लेकर तुमड़िया डाम तक जायेंगे परन्तु कुछ महिलाओं ने बताया कि तुमड़िया डाम में पहले भी गोलियाँ चली हैं। कहीं हम पर भी गोलियाँ न चला दें। इस पर कुछ महिलाओं ने कहा हम लोग दिन-रात तिल-तिल कर मर रहे हैं। हमारे घर बर्बाद हो रहे हैं। जो होगा हमें मंजूर है। अन्त में तय हुआ कि 28 दिसम्बर को मालधन से तुमड़िया डाम तक जुलूस निकालकर चेतावनी देंगे कि आगे से कोई भी इस क्षेत्र में शराब न बेचे। महिला जागृति संघ की ओर से पुलिस प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई ताकि महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन ले। साथ ही महिलाओं ने अधिक से अधिक संख्या में जुलूस में सबको लाने की जिम्मेदारी भी ली।
Maldhan women against alcohol

तय कार्यक्रमानुसार 27 दिसम्बर को आबकारी विभाग को तथा कोतवाली रामनगर में थानाध्यक्ष को प्रार्थना पत्र दे दिया। दूसरे दिन सुरक्षा के सम्बन्ध में चौकी प्रभारी मालधन से भी मिले परन्तु उनके द्वारा सहयोग देने से इंकार कर दिया गया। थानाध्यक्ष को दोबारा फोन के माध्यम से सूचना दी तो उन्होंने पीरूमदारा से सिपाही भेजने को कहा। जागृति संघों का जुलूस देवीपुरा पुल (न. 4) से मालधन न. 1 पहुँचा। परन्तु प्रशासन का कोई भी व्यक्ति हमारी सुरक्षा के लिए नहीं था। महिला समाख्या के कई कार्यकर्ता हमारे साथ थे, जिससे हमारी हिम्मत बढ़ी। हम लोगों ने तय किया कि हमें जुलूस यहाँ खत्म करते हुए सीधे तुमड़िया डाम, जहाँ शराब बनती है वहीं जाना चाहिए। हम लोग सीधे तुमड़िया डाम गये उसके बाद तुमड़िया कक में भट्टी देखने के लिये पहले तीन लोग गये। वहाँ पहुँचकर हमें स्थिति की सूचना देनी थी। दैनिक जागरण के पत्रकार भी हमारे साथ थे। तुमड़िया द्वितीय पहुँचने पर वहाँ नदी पार भट्टियाँ दिखाई दे रही थीं। हमने तुरन्त तुमड़िया डाम 1 में इंतजार कर रही संघ सदस्याओं और अपने साथियों से आने को कहा। हम नदी पार करने का रास्ता ढूँढ रहे थे। इसी दौरान हमें एक नाव वाला मिल गया। तब तक अन्य साथी भी पहुँच गये थे। 2 रुपये प्रति सवारी पर नाव वाले ने लगभग 80-85 महिलाओं को नदी पार कराया। अभी 100 से अधिक महिलाएँ एवं हमारे साथी कार्यकर्ता डाम के दूसरी ओर थे। हम सभी लोगों ने देखा कि वहाँ पर अवैध शराब बनाने की 12 भट्टियाँ लगी हैं। 12 गड्ढों में और 10 ड्रमों में भी लहन (गुड़ का शीरा) था। गन्ने के खेत के अन्दर जाने पर ट्रक की ट्यूब, फावड़े, कनिस्टर, कुदाल मिले। साथ ही पन्नी में लगभग 35 पाउच शराब मिली। हमने तुरन्त प्रशासन को सूचना दी। परन्तु कोई प्रतिक्रिया कोतवाली से नहीं की जा रही थी। जब जिला आबकारी अधिकारी नैनीताल व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को फोन किया तब जाकर आबकारी विभाग रामनगर से इन्सपेक्टर मीनाक्षी टम्टा ने आने में असमर्थता प्रकट की। थानाध्यक्ष रामनगर ने दो सिपाही मालधन से भेजे। इसी बीच तुमड़िया डाम के निवासी डण्डा-दराती लेकर गन्ने के खेतों से निकल रहे थे परन्तु इतनी महिलाओं को देखकर उनकी आगे आने की हिम्मत नहीं हुई। रामनगर से जुलूस के साथ आये पत्रकार जो वापस रामनगर पहुँच चुके थे, को हमने फोन करके स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने थानाध्यक्ष तथा एस.एस.पी. महोदय को फोन से सूचना दी और हमें प्रशासन आयेगा करके आश्वासन दिया गया। डाम के इस ओर पुलिस के जो दो सिपाही आये थे उन्होंने  लगभग 100 से अधिक महिलाओं एवं कार्यकर्ताओं को डराने की कोशिश की और नाव वाले को भी भगा दिया। लगभग 35-40 महिलाएँ और कार्यकर्ता गन्ने के खेतों से होते हुए जंगल पार करके हम तक पहुँचे।

अन्तत: रामनगर से सिपाहियों के साथ थानाध्यक्ष आये परन्तु उनका व्यवहार सहयोगपूर्ण नहीं था। वे हमसे ही लहन नष्ट करने तथा ड्रम तोड़ने को कहने लगे। महिलाओं ने उनसे कहा यह आपका काम है, हमारा नहीं। हम आपको सहयोग करेंगे। तब थानाध्यक्ष, सिपाहियों तथा जागृति संघ की महिलाओं द्वारा लहन नष्ट किया गया। गगरी, ड्रम, ट्यूब, फावड़े, लकड़ी आदि विभाग द्वारा जब्त किये गये। 

29 दिसम्बर को इसी मुद्दे पर रामनगर में पत्रकार वार्ता की गयी जिसमें महिलाओं द्वारा सारी स्थिति से अवगत कराते हुए प्रशासन के असहयोगपूर्ण रवैये की आलोचना की गई और मालधन से पुलिस कर्मचारियों को बदलने को कहा। देवीपुरा न. 4 की विमला देवी ने कहा कि मालधन क्षेत्र में छोटे-छोटे बच्चे शराब की लत में पड़ रहे हैं। हम आगे भी अपना प्रयास जारी रखेंगे। बाद में मालधन न. 2 में जब संगठन की बैठक हुई तो महिलाओं ने बताया कि आस-पास के लोग व शराब विक्रेता संगठन की महिलाओं को धमकाने आये थे परन्तु उनके परिवार के लोगों ने महिलाओं का समर्थन किया। अवैध शराब का धन्धा करने वाले लोग एक माह बाद देख लेने की धमकी दे रहे थे। यह भी बताया गया कि फार्म की एक महिला गन्ने के खेत में घास काटने गयी तो उससे भी पूछताछ की। लगातार प्रयास किया जा रहा है कि महिलाओं को कैसे तोड़ा जाय। परन्तु इस घटना से महिलाओं में काफी हिम्मत आई है। उन्हें पता लगा है कि एकता में कितनी बड़ी ताकत होती है। आज मालधन में अवैध शराब बननी बंद हो गयी है परन्तु ऊधमसिंह नगर से शराब आनी शुरू हुई है, जिसके लिए महिलाओं ने एस.डी.एम. को ज्ञापन भी दिया है। आबकारी विभाग भी सक्रिय हुआ है। अवैध शराब के लिए लोगों में एक डर बना है। संगठन के प्रयास अभी भी जारी हैं।
Maldhan women against alcohol
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