समाख्या ने रोका बाल विवाह 

कुलमीत

पहाड़ से शादी के नाम पर लड़कियों को बाहर भेजने का सिलसिला थम नहीं रहा है। इसी तरह की एक घटना कुछ महीने पहले नैनीताल जिले के ओखलकाण्डा विकासखण्ड के सुन्दरखाली नामक गांव में हुई। यहाँ आस-पास के कई गावों से आगरा, मथुरा, बरेली, हरियाणा आदि जगहों पर लड़कियों की शादियाँ हो रही हैं। सुन्दरखाली गाँव सड़क से 4 किमी. की दूरी पर स्थित है। 30 परिवारों वाले इस गांव में अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं। हमें जब मालूम हुआ कि इस गाँव की एक लड़की की शादी हरियाणा में होने जा रही है तो हमने वहां लोगों से बातचीत की तो कुछ समय के लिए शादी टल गई। लेकिन फिर कुछ दिन बाद पता चला कि 28 अगस्त को शादी होने जा रही है। सीधे-सीधे शादी को रोकना सम्भव नहीं था। परन्तु उस लड़की की उम्र 15 वर्ष होने के कारण उस पर रोक लगाई जा सकती थी। हमने इसकी सूचना ह्यूमन ट्रैफिकिंग सैल हलद्वानी को दी लेकिन उन्होंने 28 तारीख को पहुँचने में असमर्थता प्रकट की। तब हमने पटवारी, निकट की पुलिस चौकी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल से सम्पर्क किया। दोपहर के बाद लगभग तीन बजे बारात पहुंची और उसी समय पटवारी, पुलिए तथा महिला समाख्या के कार्यकर्ता भी पहुँचे। वहाँ शादी की तैयारियाँ हो रही थीं। घर में मेहमान भी थे। गाँव से ही बैण्ड की व्यवस्था भी की गई थी। विवाह का सारा खर्चा लड़के वालों की ओर से हो रहा था।

पुलिस व पटवारी द्वारा पूछताछ करने पर लड़की की मां ने बताया कि उनकी बड़ी लड़की की शादी भी हरियाणा में ही हुई है और उसी ने अपनी छोटी बहिन के लिए भी रिश्ता तय किया है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके नौ बच्चे हैं – आठ लड़कियां और एक लड़का। पति की मृत्यु हो चुकी है। यह चौथी लड़की है। उम्र पूछने पर उन्होंने 17 वर्ष बताई जबकि लड़की ने स्वयं को 18 साल का बताया। लड़की की मां ने नजदीक के गांव हरिनगर के उमेदराम तथा ललित का नाम लिया कि उन्हीं के माध्यम से पहले बड़ी बेटी तथा अब इस बेटी के विवाह की बातचीत हुई है और उन्होंने ही शादी के लिए पैसा भी दिलवाया है। अभी 20000 रु़ दिया है। बाद में जो अन्य खर्चे होंगे, उसके लिए भी पैसा देंगे। हरियाणा से आये हुए वर पक्ष के लोगों ने भी इन्हीं बातों को दुहराया लेकिन पुलिस वाले उन्हें भीड़ापानी पटवारी चौकी में ले गये। यह लड़की फिलहाल कस्तूरबा गाँधी विद्यालय, खनस्यूं में पढ़ रही थी और विद्यालय के रजिस्टर के अनुसार इसकी उम्र 15 वर्ष की है। परन्तु बाद में हमने सुना कि किसी दूसरे विद्यालय से लड़की की उम्र बढ़ाकर प्रमाणपत्र बनवा लिया गया है। हरियाणा से आये हुए आठ व्यक्ति – नरेन्द्र पुत्र राधाराम (दूल्हा), राकेश पुत्र राधाराम, धर्मराज पुत्र सावण सिंह, अनिल कुमार पुत्र लाल सिंह, बिन्दु पुत्र राजाराम, जिले सिंह पुत्र चन्दाराम, राजकुमार पुत्र मुंशीराम, रनदीप पुत्र बनवारी लाल को गिरफ्तार कर उन पर धारा 370, 373, 366ए के तहत मुकदमा चल रहा है। बाद में अन्य लोग भी छूट गये। केवल दो लोगों पर मुकदमा चल रहा है।

इस घटना के बाद जब सुन्दरखाली गांव में बैठक की गई तो अनेक लोगों ने महिला समाख्या के कार्यकताओं का विरोध किया कि इस तरह से लड़की की शादी नहीं रोकनी चाहिए थी। उस महिला की आठ लड़कियां हैं। वह एक विद्यालय में भोजनमाता का कार्य करके अपने बच्चों को पाल रही है। उसके पास आजीविका का अन्य कोई साधन नहीं है। परन्तु कुछ लोग ऐसे भी थे, जो यह मान रहे थे कि लड़कियों को इस प्रकार बेचना गलत है और नाबालिग लड़की की शादी तो बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। इसे रोकना एक अच्छा कदम है। इससे लोगों को सीख मिलेगी तथा हरियाणा आदि जगहों में शादी करने से पहले लोग एक बार जरूर सोचेंगे। अक्सर ऐसी लड़कियां देह-व्यापार के दलदल में झोंक दी जाती हैं। इसलिए ऐसी घटनाओं के विरोध में आवाज उठाना आवश्यक है। महासंघ की महिलाओं ने भी इसका समर्थन किया। सरकार की ओर से बहुत प्रभावी कदम इस दिशा में नहीं उठाये जा रहे हैं। महिलाओं के हित में प्रकोष्ठ तो कई बना दिये गये हैं परन्तु उनका प्रभाव दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में दिखाई नहीं देता।

11 दिसम्बर को बागेश्वर की कक्षा 8 में पढ़ने वाली 15 वर्षीय लड़की को हिसार (हरियाणा) के 35 वर्ष के सत्यभान सिंह के साथ शादी कर ले जाया जा रहा था। ये सभी 5 युवक हल्द्वानी में गिरफ्तार कर लिये गये। अल्मोड़े का एक व्यक्ति दीवान सिंह बिचौलिये का काम कर रहा था। इसी प्रकार की एक अन्य घटना नैनीताल जिले के कोटाबाग विकासखण्ड के धनौली गाँव में हुई है। राजकीय कन्या इण्टर कालेज डौनपरेवा में कक्षा 7 में पढ़ने वाली रुक्मिणी जिसकी जन्मतिथि विद्यालय के रजिस्टर में 16.2.2000 दर्ज है, का विवाह रामनगर के निकट लेटी, गाँव के लगभग 23 वर्ष के नवीन के साथ 10 दिसम्बर 2013 को होने जा रहा था। किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा क्षेत्र में कार्यरत महिला समाख्या के कार्यकर्ताओं को इसकी सूचना दी गई। समाख्या के कार्यकर्ताओं ने रामनगर के उपजिलाधिकारी तहसीलदार तथा कालाढूंगी तथा कोटाबाग पुलिस चौकी में सूचना दी और लगातार सम्पर्क किया। अन्तत: यह बाल-विवाह भी रोक दिया गया है।
Samakhya stopped child marriage
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