सोच बदलने की जरूरत

Article by Neelima
-नीलिमा

आज हमारे देश में महिलाओं व किशोरियों के साथ आए दिन बलात्कार, छेड़छाड़, साइबर क्राइम जैसी घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं। जब भी हमारे देश में दर्दनाक बलात्कार जैसी घटनाएं होती हैं तो टी.वी. के हर समाचार चैनल में वही घटनाएं बे्रकिंग न्यूज के तौर पर दिखाई जाती हैं। साथ ही लोग रैली निकालकर, भाषण बोलकर अपना विरोध जाहिर करते हैं कि महिलाओं व किशोरियों के साथ होने वाली हिंसा को रोकें। कानून पर सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। साथ ही हमारी जो सरकार है, उस पर भी हिंसा को लेकर बहस चल जाती है। लेकिन कोई यह नहीं सोचता कि हम ऐसा क्या करें जो इस तरह की घटनाएं न हों। एक दिन अपना विरोध दिखाकर हम फिर चुप हो जाते हैं और सोचना बंद कर देते हैं।
(Article by Neelima)

मुझे लगता है कि जब भी इस तरह की घटनाएं होती हैं तो हम उसका विरोध करने के साथ-साथ हर रोज चाहे कॉलेज हो, दोस्त हों, परिवार हो, यात्री हों, मिलने-जुलने वाले हों तो हमें उनसे इन मुद्दों पर भी बात करनी चाहिए। हमारा भाई हो, दोस्त हो, हमें उसे समझाना है कि हमें किस तरह से किशोरियों का सम्मान करना है। अगर कोई परेशानी में है तो यह न सोचे कि सामने वाला इंसान क्या सोचेगा। हम सही हैं तो हमें लोगों के सोचने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

जब भी हम महिलाएं और किशोरियां यह सोचती हैं कि हम अब पुरुषों के बराबर हैं या फिर आगे बढ़ रही हैं तो देश में इस तरह की घटनाएं होने से हम उतना ही पीछे चली जाती हैं जितना हम पहले थीं। साथ ही एक डर मन में आ जाता है कि हम अगर अकेले जा रहे हैं तो हमारे साथ कोई हिंसा न हो बहुत सारे परिवारों से किशोरियों व महिलाओं को बाहर रहकर नौकरी करने की इजाजत नहीं दी जाती है लेकिन किसी तरह से वह घरवालों को मनाकर नौकरी करने जाती है तो ऐसी घटनाओं के कारण वहां पर भी उसके लिए पाबंदियां लगा दी जाती हैं जैसे- नौकरी करने के लिए न भेजना, शिक्षा हेतु न भेजना, घर से बाहर, अकेले जाने के लिए मना करना, किसी पारिवारिक कार्यक्रम में न जाने देना।

मुझे लगता है कि हमें बहुत ज्यादा काम करने की व लोगों का सोच बदलने की बहुत जरूरत है। हम अगर एक दिन में दो लोगों का भी सोच बदल रहे हैं तो वह भी हमारे आने वाले समय के लिए बहुत बड़ी बात है। मेरा मानना है कि महिलाओं व लड़कियों को चुप नहीं रहना है तथा हमेशा अपनी आवाज सर्वोपरि रखनी है तथा हमें अपने महिला होने पर गर्व करते रहना चाहिए क्योंकि पूरा संसार हम महिलाओं पर ही निर्भर है।
(Article by Neelima)

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