विमर्श

कहाँ हैं धर्म में बच्चे

कैलाश सत्यार्थी पिछले सोमवार को दो वाकयों से मेरा सामना हुआ। जयपुर से दिल्ली लौटते वक्त गुड़गांव के...

सांझ पड़ते ही रुके कदम

जया पाण्डे हमारे शहर कितने सुरक्षित हैं, यह मुद्दा आजकल चर्चा में है। दिल्ली चुनाव 2015 में ‘सुरक्षित...

डायरी : जंग के खिलाफ

मलाला बारह-तेरह साल की ही एन फ्रैंक थी। दूसरे महायुद्घ के दौरान फासीवादी हिटलर की सेना से छिपने-छिपाने...

पंचायत के मेरे अनुभव

कादम्बरी 73वाँ संविधान लागू होने पर महिलाओं हेतु पंचायत में जो 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान रखा गया...

स्मृति नहीं, कृति

रमेश चन्द्र शाह ‘स्मृति होते-होते’। यही नाम दिया था उसने अपनी हाल ही में प्रकाशित संस्मरणों की किताब...