हमारी दुनियां

अफगान की बेटियाँ दिखायेंगीं हुनर

विज्ञान के क्षेत्र में परचम लहराने के लिए अफगानिस्तान की 6 छात्राओं को अमेरिका में होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय रोबोटिक प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने के लिए तीसरी कोशिश में वीजा मिल गया है। अमेरिका ने कई मुस्लिम देशों के स्कूलों को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने से रोका था। परन्तु सोशल मीडिया में यह मामला आने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वयं इन छात्राओं को स्वीकृति दी है। इस प्रतियोगिता के लिए अफगानिस्ताान की इन छात्राओं ने घर में ही उपलब्ध सामान से रोबोट तैयार किया क्योंकि आतंकी हमले के कारण इन्हें राबोट बनाने के लिए भेजी जाने वाली सामग्री नहीं मिल पायी थी। इन छात्राओं के हौसले फिर भी बुलंद हैं व अमेरिका में पूरी दुनिया के सामने अपने द्वारा बनाये गये रोबोट को पेश करना एक अनोखा अनुभव होगा।

विवाह पंजीकरण अनिवार्य

विधि आयोग ने सभी धर्मों में विवाह पंजीकरण अनिवार्य करने के लिए सिफारिश की है। पंजीकरण न कराने पर प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी लगाने के  लिए कहा है। विवाह पंजीकरण को आधारकार्ड से जोड़ने का सुझाव दिया है जिससे सभी जगह रिकार्ड जाँचा जा सकेगा। इसके लिए अलग से कानून न बनाकर जन्म और मृत्यु पंजीकरण कानून में संशोधन कर उसमें विवाह पंजीकरण को भी शामिल करने का सुज्ञाव दिया है। 38 पृष्ठ की रिपोर्ट में आयोग ने विवाह अनिवार्य किये जाने पर कोर्ट के मौजूदा फैसले, विभिन्न राज्यों के कानून, देश की विविधता भरी संस्कृति तथा दुनिया में व्याप्त व्यवस्था और कानून का आकलन करके कहा कि भारत में भी शादी का पंजीकरण सभी धर्मों समुदायों के लिए समान रूप से लागू होना चाहिए। जन्म मत्यु का पंजीकरण करने वाले रजिस्ट्रार को ही पंजीकरण की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए साथ ही ऑनलाइन जन्म पंजीकरण की तरह शादी पंजीकरण की सुविधा भी देने की सिफारिश की है।

विवाहित पुत्री को मृतक आश्रित का लाभ

नैनीताल के खटीमा क्षेत्र में जिला कोऑपरेटिव बैंक उधमसिंह नगर के प्रबन्धन के खिलाफ दायर मामले में सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति राजीव शर्मा की एकलपीठ ने टिप्पणी करते हुए प्रबन्धन से पूछा कि किस आधार पर वे विवाहित महिला (पुत्री) को मृतक आश्रित कोटे का लाभ नहीं दे रहे हैं। याची के पिता जिला कोऑपरेटिव बैंक उधमसिंह नगर में कैशियर के पद पर कार्यरत थे। 2014 में उनकी मत्यु के बाद याची ने मृतक आश्रित पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। परन्तु बैंक ने उनके विवाहित होने का कारण बताकर नौकरी देने से मना कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ कहा है कि बैंक प्रबन्धन का यह कार्य भेदभाव पूर्ण होने के साथ ही साथ संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने विवाहित पुत्री को मृतक आश्रित कोटे से लाभ न देने को असंवैधानिक ठहराया है व बैंक प्रबंधन को याची के प्रत्यावेदन पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है।

महिला सहकारी बैंक

उत्तराखण्ड में अस्सी प्रतिशत सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने के साथ ही राज्य में महिला सहकारी बैंकों की स्थापना की जायेगी। इन बैंकों में मैनेजर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के सभी कार्यों के लिए केवल महिलाएँ होंगी। इन बैंकों में खाता खुलवाने के लिए विशेष मदद व अन्य सुविधाएँ भी दी जायेंगी। हालांकि इन बैंकों में खाता कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है। यह बैंक राज्य में देहरादून व हल्द्वानी में स्थापित किये जायेंगे और ये बैंक राज्य सहकारी बैंक के अधीन रहेंगे। महिला बैंक के साथ ही महिलाओं के कल्याण व सुरक्षा में आम लोगों को भागीदार बनाने के लिए राज्य में महिला सुरक्षा निधि के गठन के प्रभारी सचिव समाज कल्याण, शैलेश बगोली ने आदेश कर दिए हैं। इस निधि में सहयोग करने वाले लोगों को आयकर से छूट दिलाने का प्रयास अभी किया जा रहा है। इस निधि का संचालन महिला कल्याण विभाग के परीवीक्षा अधिकारी करेंगे। इसके लिए उन लोगों को एस.बी.आई. में विशेष खाता खोलना होगा। इस निधि में जमा होने वाले धन को महिला कल्याण सुरक्षा व सशक्तीकरण में प्रयोग किया जायेगा।

पेंशन के लिए तलाक का इंतजार नहीं

तलाकशुदा बेटियों को मिलने वाली पारिवारिक पेंशन नियमों में बदलाव करते हुए सरकार ने कहा है कि अब किसी दिवंगत केन्द्रीय कर्मचारी की विवाहित बेटी के तलाक का मुकदमा अदालत में होने पर भी उसे पारिवारिक पेंशन दी जायेगी। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है जिससे कि अदालत में तलाक के मुकदमोंं का सामना कर रही महिलाओं को मदद मिल सके। अभी तक तलाकशुदा बेटियों को पारिवारिक पेंशन तभी मिलती थी, जब माता-पिता में से कम से कम किसी एक के जीवनकाल के दौरान किसी सक्षम अदालत ने तलाक का आदेश जारी किया हो।

कुमाऊँ  की एक मात्र महिला पोर्टर

कुमाऊँ में एक मात्र महिला पोर्टर के रूप में कार्य करने वाली गुड्डो देवी के हौसले व हिम्मत की तुलना में पार्सलों का भारी बोझ भी कुछ नहीं लगता है। गुड्डो देवी कुमाऊँ की एक मात्र महिला पोर्टर हैं जो काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पार्सल पीठ पर लादने से लेकर ट्राली खींचने तक का कार्य करती हैं।  उनके पति भी पहले पार्सल की विभाग में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार के भरण-पोषण के लिए उन्होंने पार्सल विभाग में नौकरी कर ली। उनके काम की रेलवे के अफसर कर्मचारी सभी तारीफ करते हैं। उन्हें उनके कार्यों के लिए पुरस्कृत भी किया गया है। गुड्डो देवी पार्सलोें को टे्रेन से पार्सल घर या पार्सल घर से ट्रेन तक पहुँचाती हैं। वह अन्य पुरुष सहर्किमयों की तरह ही बोझ उठाती हैं।
(Hamari Duniya July Sept 2017)

नेपाल मेंचौपदाप्रथा का अन्त

नेपाल में हिन्दू धर्म से जुड़ी प्रथा ‘चौपदी’ को नेपाल सरकार ने आपराधिक करार देते हुए उसे मानने या जबरन मनवाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ तीन महीने की जेल की सजा या तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया है। ‘चौपदा’ प्रथा के अन्तर्गत माहवारी के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं को अछूत माना जाता है। इस दौरान उन्हें घर से निकाल दिया जाता है व भोजन, भगवान की मूर्ति, मवेशियों व पुरुषों को छूने की मनाही होती है। इस प्रथा को नेपाल की संसद ने आपराधिक करार दिया है। यह मानून एक वर्ष के भीतर ही प्रभाव में आ जायेगा।

मुस्कान का पुस्तकालय

मध्यप्रदेश के दुर्गानगर बस्ती की मुस्कान अहिखार पाँचवी कक्षा में पढ़ती है। उन्होंने बस्ती में ही एक कच्चे मकान में 2016 से 25 किताबों के साथ अपना पुस्तकालय शुरू किया था। एक वर्ष में पुस्तकालय में एक हजार से ज्यादा पुस्तकें हो गयी तथा रोजाना 20-25 बच्चे पुस्तकालय में आकर पुस्तकों का लाभ ले रहे हैं। पुस्तकालय रोज शाम 5 से 7 बजे तक खुलता है। मुस्कान की इस पहल के लिए मुख्यमंत्री शिवरार्ज ंसह चौहान ने उसे सम्मानित किया। सम्मान के रूप में दो लाख रुपये पुस्तकालय के लिए देने के साथ ही एक कमरे का पक्का पुस्तकालय भी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री के इस सम्मान से मुस्कान के हौसले और बढ़ गये हैं। वह कहती है कि ‘अब उसे और बस्ती के अन्य बच्चों को पढ़ने और आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।’ मुस्कान ‘ग्लोरियस हायर सेकेण्डरी स्कूल, जहाँगीरबाद भोपाल में पढ़ती है। उसके पिता का निधन इसी साल जुलाई में हुआ है। वह कहती है- ‘मेरे पापा कहते थे कुछ करके दिखाओ, इसके लिए खूब पढ़ो। मैं डाक्टर बनना चाहती हूँ।’

खास ड्रेस पहन लड़ेंगी कुश्ती

ओलम्पिक में महिलाओं की भागीदारी के लिए ईरान ने अपनी सहमति दे दी है। यह स्वीकृति ओलम्पिक में ईरान की महिला पहलवानों को खास इस्लामिक ड्रेस पहनकर खेलने की अनुमति मिलने के बाद मिली है। पिछले साल दिसम्बर में इस्तांबुल (तुर्की) में एसोसिएट स्टाइल्स की वल्र्ड रेसलिंग कमेटी के केन्द्र में ईरान कुश्ती महासंघ ने अपने सुझाव दिये थे। इस सुझाव में ईरान ने कहा था कि ईरान के राष्ट्रीय खेल कुश्ती के लिए महिलाओं को खास इस्लामिक ड्रेस पहनकर खेलने दिया जाय। जिसे विश्व कुश्ती संघ यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग (यू डब्लू डब्लू) ने स्वीकार कर लिया है। इस नये ड्रेस कोड में सिर पर हिजाब व पूरा शरीर  ढककर कुस्ती लड़ने की आजादी होगी।

शराब पीनेपिलाने पर लगाई पाबंदी

लाखामण्डल क्षेत्र (देहरादून) के सुदूरवर्ती लाबड़ी गडसार पंचायत में नेपाली मूल के मजदूरों के काफी संख्या में डेरे हैं। जहाँ बड़े पैमाने पर अवैध शराब का धंधा जोर पकड़ रहा है। शराब पीने-पिलाने का चलन बढ़ने से युवा पीढ़ी का भविष्य बर्बाद हो रहा है। यहाँ की महिलाओं ने शराबबन्दी को लेकर आन्दोलन छेड़ा है। राजस्व पुलिस टीम के साथ महिलाओं ने  नेपाली मूल के मजदूरों के डेरे में बनी कई लीटर अवैध कच्ची शराब को मौके पर ही नष्ट किया तथा अवैध शराब के कारोबार से जुड़े लोगों को भविष्य में शराब नहीं बनाने की चेतावनी दी। महिला मंगल संगठन ने क्षेत्र में किसी भी डेरे, ढाबे या होटल में शराब पीने-पिलाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। तथा शराब पीने और पिलाने पर 10,000 रुपये जुर्माना लगा दिया है तथा तय किया है किसी भी व्यक्ति के लगातार दो बार पकड़े जाने पर  उसे राजस्व पुलिस के हवाले कर दिया जायेगा।
(Hamari Duniya July Sept 2017)

प्रस्तुति: पुष्पा गैड़ा

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