उत्तरा अक्टूबर-दिसंबर 2015
उत्तरा का कहना है शोध आलेख : हिंसा और हत्या के बीच महिलाएँ सशक्तीकरण धरातल पर संतोष है कि मैंने दोहरा जीवन नहीं जिया- विमला बहुगुणा पचीसवाँ अंक मुबारक हो उत्तरा नैनीताल के बाजार में कार्यरत महिलाएँ पितृसत्ता और उसके अधिकार पितृसत्ता और उसके हथियार हमारी दुनिया सहेलियां : संस्कृति श्रद्धांजलि-कलावती जोशी: शिक्षण से देश एवंसमाज सेवा तक थारु जनजाति का सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन एवं महिलाएँ कविताएँ समापन किस्त : जंग के खिलाफ मलाला अपने ही लोग : कहानी