उत्तरा जुलाई- दिसंबर 2014 (संयुक्तांक)
उत्तरा का कहना है। स्वराज के फायदे पुरुषों की राजनीति का मोहरा बनीं महिलाएं जागरूक हुए हैं पंचायत प्रतिनिधि पंचायत के मेरे अनुभव अस्कोट-आराकोट अभियान सरोगेट मदर-किराये की कोख का बढ़ता बाजार संस्मरण: दादा-दादी की दुनियाँ में हमारी दुनिया संस्कृति: नन्दा राजजात जापान के वह सुन्दर 21 दिन कविताएं गोपुली बुबु सत्यकथा: अब अम्मा आँसू नहीं बहाती भारत में महिला अधिकारों की स्थिति स्मृति नहीं, कृति कहानी: अनुत्तरित प्रश्न